water pollution in hindi

अक्सर अपने  water pollution in hindi-water pollution in hindi  जो की एक अंग्रेजी शब्द है जिसके बारे में हम आपको बिस्तार से बताएँगे तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और आसान भाषा में जाने water pollution in hindi और about water pollution in hindi के बारे में


जल प्रदुषण क्या है

 जैसा की हम सभी को water pollution in hindi-about water pollution in hindi के बारे में जानना चाहिए  

 आज के ज़माने में वायु प्रदुषण हमारे लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनी है इसके साथ ही जल प्रदुषण भी हमारे लिए एक समस्या हैं आपको पता होगा धरती 71परसेंट पानी से ढकी हुई हैं और 1.6 प्रतिशत पानी ज़मीन के नीचे है  0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में है. धरती पर जितना भी पानी हैं उसमे 97 फीसदी पानी महासागरो के रूप में हैं जो की नमकीन पानी हमारे और आपके पीने योग्य नहीं हैं सिर्फ 3 फीसदी पानी पीने योग्य है जिसमे 2.4 फीसदी पानी ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हैं अब सिर्फ 0.5 परसेंट पानी नदियों और झीलों तालाब में है जिसे पीने योग्य माना गया हैं एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी पर कुल 32 करोड़ 60 लाख खरब गैलन पानी है.  और एक रोचक बात ये भी है कि ये मात्रा घटती बढ़ती नहीं है. सागरों का पानी वाष्प बनकर उड़ता है, बादल बनकर बरसता है और फिर सागरों में जा समाता है. और ये लगातार  चक्र चलता रहता है. अब इसी में आता हैं जल प्रदुषण और यह जल प्रदुषण इन जल निकायों और पादपो को प्रभावित करता है और सरबदा न सिर्फ जल पादपो को प्रभावित करेगा बल्कि संपूर्ण जैबिक तंत्र के लिए विनाशकारी होगा जल प्रदुषण का कारण मुख्यता मानव या जानवरों की जैबिक या औधौगिक क्रियावो के फलस्वरूप water pollution in hindi

 बिना किसी समुचित विचार के जलधाराओ में विशार्जित कर दिया जाना हैं

जल प्रदुषण के कारण

भारत में जल प्रदुषण सबसे बड़ी समस्यायों में से एक बड़ी समस्या है जिस पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारे तरह तरह के उपाय करती रहती है जल प्रदुषण की मुख्या वजह शहरीकरण और उसकी अनियंत्रित दर है भारत में करीब पिछले एक दशक से शहरीकरण की दर में लगातार बढ़ोतरी हुई हैं और इस शहरीकारण ने भारत के जल श्रोतो में अशीम छाप छोड़ी हैं जिसकी वजह से पर्यावरण में एक लम्बी अवधि के लिए समस्याए पैदा हुई है


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मुख्या कारण  

  • यूट्रोफिकेशन
  •  ग्लोबल वार्मिंग
  • औद्योगिक कचरे के निपटान की अपर्याप्त व्यवस्था
  • डीनाइट्रिफिकेशन
  • औद्योगिक कूड़ा
  • कृषि क्षेत्र में अनुचित गतिविधियां
  • मैदानी इलाकों में बहने वाली नदियों के पानी की गुणवत्ता में कमी
  • सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज, जैसे पानी में शव को बहाने, नहाने, कचरा फेंकने

ये सभी जल प्रदुषण के मुख्या कारण हैं जिसकी वजह से जल के प्रदुषण में लगातार बृद्धि हो रही है

भारत में जल प्रदुषण के प्रभाव  

अगर हम जल प्रदुषण के प्रभाव की बात करे तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह होगा की जल स्त्रोत का पानी जरा-भी प्रदूषित होने पर उसके आस पर रहने वाले किसी हद तक प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

फसलो के लिए भी अक निश्चित स्तर तक प्रदूषित पानी नुक्सान देह होता है इससे जमीन की उर्ब्रक छमता में कमी होती है जिससे फसल की पैदावार अछि नहीं होती है तो अब कुल मिलाकर यह प्रदुषण ऐसा प्रदुषण है जो कृषि और देश दोनों को प्रभावित करता हैं अब बात आती हैं समुद्री जल प्रदुषण की तो इसका बुरा असर समुद्री जीवन पर भी पड़ता  है।

भारत में इसकी यह हकीकत है खासकर ग्रामीण इलाको में इसका स्तर का एक बड़ा कारण जल प्रदुषण ही बना हुआ है प्रदुषण के पानी से कॉलरा, टीबी, दस्त, पीलिया, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियां हो सकती

जल प्रदूषण का समाधान

भारत में प्रदुषण का सबसे अच्छा समाधान यह है मिटटी का  संरक्षण मिटटी के कटाव से भी जल प्रदुषण होता है यह आपको जान कर हैरानी होगी लेकिन यह भी एक सत्य हैं अगर मिटटी का  संरक्षण होता है तो हम कुछ हद तक पानी के प्रदुषण के स्तर को कम कर सकते हैं और कम ही नहीं अगर यह प्रक्रिया लगातार चलती रहे तो हम इसको ख़त्म भी कर सकते है आपको ज्ञात होगा की भारत में कोरोना वायरस के चलते 69 दिन का लॉक डाउन लगा था और इस लॉक डाउन का सबसे अच्छा फायदा हमारे पर्यावरण हो हुआ था जिसमे जल प्रदुषण और वायु प्रदुषण जैसी समस्याए कुछ हद तक कम हो गयी थी गंगा का पानी अक दम स्वच्छ था और दिल्ली में होने वाले वायु प्रदुषण का स्तर भी कम हो गया था तो इससे बचने के लिए हम ज्यादा से ज्यादा पौधे या पेड़ लगाये कृषि में ऐसी को अपनाना चाहिए जो मिट्टी की उर्वरता की चिंता करें और उसे बिगाड़ने के बजाय सुधारें का काम करे शुरुआत में, हम ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल न करें या कम करें जिनसे उर्ब्रक में नुकसान पहोचने वाले जैबिक योगिक सामिल हो जिन मामलों में पेंट्स, साफ-सफाई और दाग मिटाने वाले रसायनों का इस्तेमाल किया जाता उनका प्रयोग कम करे सबसे बड़ी वस्तु जो की प्लास्टिक है इसका इस्तेमाल कम करे और न ही करे वही अच्छा है जिन फैक्टरियों और कारखानों में तेल का प्रयोग होता है खराब तेल को साफ करन या सुरक्षित निपटान या बाद में इस्तेमाल के लिए रखने में सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है अगर हम सब मिलकर इन तरीको को अपनाते है तो यकीं मानिये जल प्रदुषण जैसी समस्या जैसी परेशानी से निपट सकते हैं